
सक्ती। एक समय था क्षेत्र में जुआ का बोल बाला हुआ करता था और जुआड़ी दिन, रात जुआ के फड़ में लगे रहते थे, वहीं छोटा, बड़ा सभी प्रकार का जुआ जांजगीर जिले में खुले तौर पर चल रहा था।
फिर हुआ बदलाव और प्रशांत ठाकुर एसपी बने जिसके बाद से जुआड़ियों पर कार्रवाई शुरू हुई, जैजैपुर, बाराद्वार, सक्ती, मालखरौदा, डभरा, हसौद, नवागढ़ सहित जिले के सभी थानेदारों को सख्त लहजे में कहा गया कि जिले में जुआ पर कड़ी कार्रवाई की जाए, फिर पुलिस कप्तान बदले और डॉ अभिषेक पल्लव के हांथ में जिले की कमान आई, थोड़ा जुआड़ी फिर सक्रिय होने की कोशिश कर ही रहे थे कि पुलिस कप्तान ने सभी थानेदारों को क्राइम मीटिंग में कड़े लहजे में कहा कि जिसके भी थाना क्षेत्र में जुआ चलने की खबर आई तो सीधे कार्रवाई थानेदार पर होगी। बता दें कि तत्कालीन डीजीपी द्वारा भी जुआ को लेकर कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए पुलिस कप्तानों को जुआ पर अंकुश लगाने की बात कही गई थी। डीजीपी बदले लेकिन जुआ पर कड़ाई बरकरार रही। जांजगीर के तात्कालिक एसपी अभिषेक पल्लव ने भी जुए पर अंकुश लगाए रखा। मगर कुछ जगहों पर छोटे मोटे या यूं कहें कि आदतन जुआड़ी नहीं माने, थानेदारों ने कड़ाई की तो अगल बगल के जिलों में चल रहे फड़ो में जुआड़ी जाने लगे, अगल बगल की भी पुलिस सक्रिय हुई और जुआ पर धरपकड़ होने लगी। अब जब वर्तमान में जांजगीर जिले में एसपी के रूप में विजय अग्रवाल ने पदभार संभाला तो जुआड़ियों को लगा कि नए एसपी थोड़ा रियायत बरतेंगे। लेकिन हुआ उल्टा नए कप्तान ने तो जुआ पर ऐसा शिकंजा कसा की जो छोटे मोटे रुपया दो रुपया वाले भी थे उनकी भी शामत आ गई। नए कप्तान ने जुआ को लेकर जिले के सभी पुलिस अधिकारियों को सख्ती बरतने के साथ साथ यह भी कह दिया है कि जुआ पर रहमत यानी थानेदारों पर कार्रवाई। और जुआड़ियों को समझाइश नहीं सीधे कार्रवाई। इसके बाद से तो थानेदारों ने कमर कस ली वहीं सक्ती, जैजैपुर, बाराद्वार, मालखरौदा, डभरा, हसौद क्षेत्र के थानेदारों ने दबिश देना शुरू किया। भले पुलिस को कामयाबी धरपकड़ में नहीं मिली, लेकिन पुलिस के क्रियाकलापों से जुआड़ी जरूर शतर्क हो गए और जुआड़ी अब दुआ कर रहें हैं कि जैसे जल्दी जल्दी दो कप्तान चले गए वैसे ही अब नए वाले भी चले जाएं तो नए कप्तान शायद कुछ रियायत दें। लेकिन वर्तमान स्थिति पर जिले में जुआ पूरी तरह से बंद नजर आ रहा है, और जुआड़ी भागते फिर रहें हैं, सक्ती, जैजैपुर, बाराद्वार और मालखरौदा में तो यह आलम है कि जो बड़े फड़ चलाने वाले जुआड़ी थे वो पुलिस के डर से ही अपने अपने घरों से भी भागे भागे फिर रहें हैं, कहीं लत के अनुसार अगर 52 परी हांथ में भी दिख गई तो पुलिस सीधे जेल के दर्शन करवा देगी। नए कप्तान के आने से जुआ का अवैध कारोबार पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।